गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार देर रात उपरटोला गांव में हाथियों के एक झुंड ने भारी उत्पात मचाया, जिसमें सीताराम मोची नामक एक ग्रामीण की मौत हो गई। हाथियों ने गांव में घुसकर कई किसानों की फसलों को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया। पिछले ढाई महीने में यह छठा मामला है, जब हाथियों के हमले से किसी व्यक्ति की जान गई है। हाथियों के इस आक्रमण से ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है।
शाम से ही शुरू हो गया था हाथियों का उत्पात
ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों का झुंड शाम 5 बजे के करीब गांव में अचानक घुस आया। वे खेतों में लगी फसलों को नष्ट करने लगे, जिससे किसानों में आक्रोश और डर का माहौल बन गया। करीब 200 ग्रामीणों ने मिलकर हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन हाथियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इसी बीच, सीताराम मोची हाथियों को भगाने की कोशिश में उनके चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी जान चली गई। इस घटना से ग्रामीण हतप्रभ हैं और अन्य लोग किसी तरह अंधेरे का फायदा उठाकर जान बचाने में कामयाब रहे।
हाथियों के लगातार हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
गढ़वा के ग्रामीण इलाकों में पिछले ढाई महीने में हाथियों के हमलों से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हाथियों का यह झुंड न केवल जानलेवा साबित हो रहा है, बल्कि कई किसानों की फसलों को भी तहस-नहस कर चुका है। हाथियों के अचानक आक्रामक होने का कारण तालाब में हाथी के बच्चे का शव मिलना बताया जा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि उस बच्चे की मौत के बाद से हाथी बेहद आक्रोशित हो गए हैं और अब वे हर गांव में उत्पात मचा रहे हैं।
प्रशासन से मदद की गुहार, ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल
लगातार हो रही इन घटनाओं से ग्रामीणों में चिंता बढ़ती जा रही है। उन्होंने प्रशासन से हाथियों के उत्पात को रोकने और उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के इस तरह के हमले से वे रात में सो भी नहीं पा रहे हैं। कई बार वन विभाग को भी सूचित किया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हाथियों से फसलों को हुए नुकसान के लिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिले।
वन विभाग की ओर से हाथियों को नियंत्रित करने के प्रयास
वन विभाग के अधिकारी भी इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं। उनके अनुसार, जंगली हाथियों का यह झुंड अपने प्राकृतिक वास से भटक गया है और अब मानव बस्तियों में आकर नुकसान पहुंचा रहा है। वन विभाग की ओर से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए विशेष टीम बनाई गई है। साथ ही, गांव के लोगों को हाथियों से दूर रहने और सुरक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हाथियों के हमले पर नियंत्रण पाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।
गढ़वा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथियों का बढ़ता उत्पात एक गंभीर समस्या बन गया है। हाथियों के हमलों से न केवल ग्रामीणों की जान को खतरा है, बल्कि उनकी आजीविका पर भी भारी असर पड़ रहा है। फसलों को हुए नुकसान और जान-माल की हानि से ग्रामीण बेहद परेशान हैं। प्रशासन और वन विभाग को मिलकर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालना होगा, ताकि ग्रामीणों का जीवन सुरक्षित हो सके और वे भयमुक्त होकर अपनी जिंदगी जी सकें।